| 1. | शुद्ध तर्क के आधार पर चिन्तन करना चाहिए।
|
| 2. | दूसरों के लिए चिन्तन करना मानसिक धरातल है।
|
| 3. | संसार का चिन्तन करना मन का दुरुपयोग है।
|
| 4. | चिन्ता करना सरल है, चिन्तन करना कठिन है।
|
| 5. | संसार का चिन्तन करना मन का दुरुपयोग है।
|
| 6. | संसार का चिन्तन करना मन का दुरुपयोग है।
|
| 7. | आपको लोकल इकोलॉजी पर चिन्तन करना चाहिये।
|
| 8. | चिन्तन करना उसका स्वभाव भी है और धर्म भी।
|
| 9. | आपको लोकल इकोलॉजी पर चिन्तन करना चाहिये।
|
| 10. | अतः ऋणात्मक चिन्तन करना सर्वथा त्याज्य है।
|